Piyush Goel Biography In Hindi, जीवनी, जन्म, उम्र, शिक्षा, परिवार, पत्नी, पुस्तकें, संपत्ति (Mirror Image Man Piyush Goel Biography In Hindi, Wiki, Family, Birthday, Education, Marriage, Books, Net Worth, Hobbie
नमस्कार साथियों ! आज हम लोग एक ऐसे व्यक्ति के बारे मे जानेने वाले हैं जो आपकी कला और प्रतिभा से सभी के दिलों और दिमाग पर एक अगल ही छाप छोड़ रहे हैं । इस पोस्ट (Piyush Goel Biography In Hindi) मे पीयूष गोयल जी के जीवन से जुड़ी बातें और उनकी सफलताओं की चर्चा विस्तार से करने वाले हैं ।
दुनिया में एक से बढ़कर एक कलाकार मौजूद होते है जिनकी प्रतिभा को देखकर लोग आश्चर्य करने लगते हैं बिल्कुल ऐसे ही महान कलाकारों की गिनती मे आते हैं पीयूष गोयल जी जो कि पेशे से एक छवि लेखक हैं और लोग इनको Mirror Image Man Piyush के नाम से भी जानते हैं ।
Piyush Goel Biography In Hindi
नाम (Name) | पीयूष गोयल (Piyush Goel) |
जन्म (Born) | १०.०२.१९६७ |
जन्म स्थान (Birth Place) | दादरी |
उम्र (Age) | 56 वर्ष |
पिता (Father’s Name) | डा. देवेंद्र कुमार गोयल |
माता (Mother’s Name) | रवि कांता गोयल |
भाई (Brother) | नलनीश गोयल, अवनीश गोयल |
पेशा (Profession) | यांत्रिक इंजीनियर |
प्रसिद्ध शो (Famous Show) | वृन्दावन में ( संग्रह प्रदर्शनी) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी (wife) | मिताली गोयल |
विवाह वर्ष | १९९२ |
बेटी (Daughter) | यशिका |
धर्म | हिंदू (Hindu) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
सोशल मीडिया (Social Media) |
#1 पीयूष गोयल कौन है? (Who is Piyush Goel)
पीयूष गोयल का जन्म 10 फ़रवरी 1967 को माता रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के घर हुआ।पीयूष गोयल जी एक ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने पांच अलग तरह की पुस्तकों को लिखकर सभी को हैरान कर दिया है। लेखक पीयूष गोयल (Piyush Goel) ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजलि, कार्बन पेपर से पंचतंत्र के साथ ही कील से पीयूष वाणी लिख डाली है।
पीयूष गोयल पेशे से डिप्लोमा यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। इन सबके अलावा पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक श्रीमदभागवत गीता के रचनाकार हैं।
पीयूष की इन किताबों को देखकर हर कोई आश्चर्य चकित है। कला और दक्षता की कोई सीमा नहीं होती, रोज नई उपलब्धियां प्रकाश में आती रहती हैं, ऐसा ही दिलचस्प कारनामा किया है पीयूष गोयल ने। उन्होंने पंच प्रचलित पुस्तकें एक अलग तरीके से लिख डाली हैं।
इनमें से अध्यात्म दर्शन और कर्मफल संस्कृति को व्यापक और सहजता के साथ जनग्राही बनाने वाली भागवत गीता भी शमलित है। 56 वर्षीय पीयूष गोयल अपने धुन में रमकर कुछ अलग करने में जुटे कि शब्दों को उल्टा लिखने में लग गए। इस धुन में ऐसे रमे कि कई अलग-अलग सामग्री से कई पुस्तकें लिख दीं।
#2 पीयूष गोयल की शिक्षा (Piyush Goel Education)
पीयूष गोयल जी ने अपनी शिक्षा मे डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पढ़ाई को पूरा किया है । और यही वो समय था जब पीयूष गोयल का सन 2000 में एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इस हादसे से उबरने में करीब नौ माह का समय लग गया ।
इन्ही नौ माह मे उनके जीवन को एक नई दिशा मिली और इस दौरान उन्होंने श्रीमद्भभगवद गीता को अपने जीवन में उतारना शुरू कर दिया। जब वे ठीक हुए तो कुछ अलग करने की जिज्ञासा पाले वे शब्दों को उल्टा यानी मिरर शैली लिखने का प्रयास करने लगे। फिर निरंतर अभ्यास ने उन्हे ऐसा बना दिया कि उन्होंने कई किताबें लिख दीं।
#3 पीयूष गोयल लिख सकते हैं उल्टे अक्षर
गोयल की लिखीं पुस्तकें पढ़ने के लिए आपको दर्पण का सहारा लेना पड़ता है। उल्टे लिखे हुए अक्षर दर्पण में सीधे दिखाई देने लगते हैं और आप आसानी से उसे पढ़ सकते हैं।
पीयूष गोयल बताते हैं कि कुछ लोगों ने कहा कि आपकी लिखी किताबें पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत होगी। कुछ ऐसा करें कि दर्पण की जरूरत न पड़े। इस पर पीयूष गोयल ने सुई से मधुशाला लिख दी।
हरिवंश राय बच्चन की पुस्तक ‘मधुशाला’ को सुई से मिरर इमेज में लिखने में करीब ढाई माह का समय लगा। गोयल की मानें तो यह सुई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सुई से लिखी गई है।
#4 पीयूष गोयल जी के किताबी कारनामे
- उल्टे अक्षरों से लिख गई भागवत गीता
आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्के रह जायेंगे। आपको समझ में नहीं आयेगा कि यह किताब किस भाषा शैली में लिखी हुई है। पर आप जैसे ही दर्पण ( शीशे ) के सामने पहुंचेंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद बोलने लगेगी। सारे अक्षर सीधे नजर आयेंगे। इस मिरर इमेज किताब को पीयूष गोयल ने लिखा है। मिलनसार पीयूष गोयल मिरर इमेज की भाषा शैली में कई किताबें लिख चुके हैं।
- सुई से लिखी मधुशाला
पीयूष गोयल ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत है। पीयूष गोयल ने पूछने पर बताया कि सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों आया? अक्सर मुझ से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मधुशाला’ को करीब 2 से ढाई महीने में पूरा किया।
यह पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयी है और इसको पढ़ने लिए शीशे की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों के इतने प्यारे मोतियों जैसे पृष्ठों को गुंथा गया है, जिसको पढ़ने में आसानी रहती हैं और यह सूई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सूई से लिखी गई है।
- मेंहदी कोन से लिखी गीतांजलि
पीयूष गोयल ने एक और नया कारनामा कर दिखाया है उन्होंने 1913 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर की विश्व प्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ को ‘मेंहदी के कोन’ से लिखा है। उन्होंने 8 जुलाई 2012 को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरू की और सभी 103 अध्याय 5 अगस्त 2012 को पूरे कर दिए।
इसको लिखने में 17 कोन तथा दो नोट बुक प्रयोग में आई हैं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, अवधी में सुन्दरकांड, आरती संग्रह, हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैं। ‘रामचरितमानस’ ( दोहे, सोरठा और चौपाई ) को भी लिख चुके हैं।
- कील से लिखी ‘पीयूष वाणी’
अब पीयूष गोयल ने अपनी ही लिखी पुस्तक ‘पीयूष वाणी’ को कील से ए-फोर साइज की एल्युमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि कील से क्यों लिखा है? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मधुशाला’ को लिख चुके हैं। तो उन्हें विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-फोर साइज के एल्युमिनियम शीट पर भी लिख डाला।
- कार्बन पेपर की मदद से लिखी ‘पंचतंत्र’
गहन अध्ययन के बाद पीयूष ने कार्बन पेपर की सहायता से आचार्य विष्णुशर्मा द्वारा लिखी ‘पंचतंत्र’ के सभी ( पाँच तंत्र, 41 कथा ) को लिखा है। पीयूष गोयल ने कार्बन पेपर को (जिस पर लिखना है) के नीचे उल्टा करके लिखा जिससे पेपर के दूसरी और शब्द सीधे दिखाई देंगे यानी पेज के एक तरफ शब्द मिरर इमेज में और दूसरी तरफ सीधे।
#5 पीयूष गोयल जी को प्रेरणा मिली
पीयूष 2003 से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है। पीयूष गोयल की 3 पुस्तकें प्रकशित हो चुकी हैं।
नर न निराश करो मन को
नर न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो
इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल ने सभी 18 अध्याय 700 श्लोक अनुवाद सहित हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल संग्रह के भी शौक़ीन हैं, उनके पास प्रथम दिवश आवरण, पेन संग्रह, विश्व प्रसिद्ध लोगो के ऑटोग्राफ़ संग्रह भी हैं।
#6 पीयूष गोयल जी के द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध पुस्तके
1.श्रीमदभगवद् गीता (हिन्दी) – पेन
2.श्रीमदभगवद् गीता (इंग्लीश) – पेन
3.श्रीदुर्गा सप्त्सत्ती(संस्कृत) – पेन
4.सांई सतचरित्रा (हिन्दी) – पेन
5..सांई सतचरित्रा (इंग्लीश) – पेन
6 & 7.सुंदर कांड ( 2 बार) – पेन
8.रामचरित्रमानस ( केवल दोहा सोरठा और चोपेयी) – पेन
9. मधुशाला – सुई से
10.गीतांजलि – मेहंदी से
11.पीयूष वाणी(अल्यूमिनियम सीट) – कील से
12.पीयूष वाणी(पारदर्शी सीट पर) – फॅब्रिक कोन लाइनर से
13.पंचतंत्र – कार्बन पेपर से
14. मेरी इक्यावन कविताएँ – मॅजिक सीट पर लकड़ी के कलम से
15.चाणिक्या नीति – लकड़ी के कलम से
16. पीयूष वाणी – गम व ग्लू से
17. धार्मिक पुस्तक – Fluid पेन से
#7 पीयूष गोयल के प्रभावित करने वाले विचार
- भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के ही सारथि नही थे, वे तो पूरी दुनियाँ के सारथि हैं ,फिर डरना कैसा।
- वर्तमान की आवश्यकता भविष्य की निधि हैं।
- किसी भी कार्य के पर्याय बन जाओ, प्रसिद्धि अवश्य मिल जाएगी।
- अपने सुखो को दूसरो के दुखों में बाँट दो।
- जीवन में लक्ष्य ज़रूर निर्धारित करो, लक्ष्य मिलने पर आकार बड़ा कर दो।
- झूठ सच पर अधिकार कर रहा हैं।
- प्रलोभन व्यक्ति को विचलित करता हैं।
- जोखिम उठाने वालो के लिये असफलता एक उपहार हैं।
- फल की इच्छा रखने वाले फूल नही तोड़ा करते।
- वर्तमान की दिशा भविष्य की दशा तय करती हैं।
- तुम्हारे प्रयास फल की तरह खट्टे या मीठे को सकते हैं पर सफलता मीठी ही होती हैं।
- निर्णय हमेशा प्रभावित करते हैं।
- शब्द दुख और सुख में अक्षर ख को देखो हमेशा एकसा दिखता हैं फिर हम क्यों नही?
- आलोचना मुझें प्रेरित करती हैं कुछ और अच्छा करने की।
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FAQs: Piyush Goel Biography In Hindi
Q. पीयूष गोयल कौन है?
Ans- 10 फरवरी 1967 को जन्मे पीयूष गोयल एक इंजीनियर और लेखक है, और विभिन्न प्रकार की लेखन की कलाओं का ज्ञान रखते हैं एवं सुई से लिखी गई दुनिया की पहली पुस्तक ‘मधुशाला’ के लेखक हैं।
Q. पीयूष गोयल की उम्र कितनी है?
Ans- साल 2023 के अनुसार भारतीय छवि लेखक पियूष गोयल की उम्र 56 वर्ष है।
Q. पीयूष गोयल कितने प्रकार से पुस्तकों को लिखते हैं?
Ans- पीयूष गोयल पेन, सुई, मेहंदी कोन, कार्बन पेपर और लकड़ी की कलम का प्रयोग करते हुए 5 माध्यमों से पुस्तकें लिखने का कार्य करते हैं।
अंतिम शब्द –
मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे द्वारा लिखा यह लेख “Piyush Goel Biography In Hindi” पसंद आया होगा। मेरी हमेशा से यही कोशिश है की पाठकों को पूरी जानकारी प्रदान कर सकें ।
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