आज शादी की बात हुई है घर में | Shadi Sad Poetry – Aaj shadi ki baat hui hai ghar me poetry

नमस्कर मेरा नाम है Jitendra स्वागत है  Yadavjitendra7 Blog मे और आज की इस पोस्ट ”Shadi Sad Poetry” मे जबरदस्त अधूरी मुहब्बत की शायरी लिखी गई है । ये एक ऐसी दास्तां है जिसके शब्द आपके दिल को स्पर्श करेंगे ।

 आज शादी की बात हुई है घर में  (Shadi Sad Poetry)

Shadi Sad Poetry –

( Aaj shadi ki baat hui hai ghar me poetry) : – प्यार मुहब्बत की बहुत सी दस्ताने रकम हुई हैं । कहीं मुहब्बत के पैरोंकार तले गए लोग, कहीं चाहतों के पीछे जिंदगी को गवा देने वाले लोग सिलसिला चलता रहता है मुहब्बत कभी खतम नहीं होती तो कुछ इसी के बारे मे लिखा है – 

Shadi sad poetry

“लड़का और लड़की’’ के बीच मुहब्बत चल रही है लेकिन, एक ऐसा मोड आया जब लड़की लड़के से कहती है –

“ आज शादी की बात हुई है घर मे, हमारी मुहब्बत को छुपाओगे तो कैसे ?

  कोई ऐरा-गैरा आएगा ले जाने मुझको, अपने हाथों से डोली में बिठाओगे तो कैसे ?

तुम तो एकरार-ए-मुहब्बत भी खुल कर ना कर सके, अपने घर वालों को मेरा बताओगे तो कैसे ?

  आज शादी की बात हुई है घर मे, हमारी मुहब्बत को छुपाओगे तो कैसे ? ”

अब कुछ दिन गुजर जाते हैं । शादी का समय और करीब आ गया । अब लड़की फिर लड़के से कहती है –

 Shadi Sad Poetry   आज शादी की बात हुई है घर में
Shadi Sad Poetry

 

“ मैं जानती थी मुकद्दर मे नहीं मेरे खुशियां, अब फूलों को बालों मे सजाउगी तो कैसे ?

  तेरी चाहत और यादों से भरा है मेरा दिल, नए हमसफर को दिन मे बसाउगी तो कैसे ?

पलकों को नम रहने की आदत सी हो गई है, काजल को आँखों मे लगाउगी तो कैसे ?

   आज शादी की बात हुई है घर मे, हमारी मुहब्बत को छुपाओगे तो कैसे ? ”

Shadi Sad Poetry :- लड़का बही वेबसी का मुशायरा जिंदगी के ताने , मुहब्बत को कायम रखने के वादे ! अब वो जनाब फरमाते हैं।

“ कुछ सिसकियाँ सी मन मे उभर रहीं हैं, पछतावे की आग को बुझाउगा तो कैसे ?

  तुम्हारी शादी पर बुलाया है मुझको, ये गालियां ये चौबारे सजाउगा तो कैसे ?

अब गुजरेगा दिन रात तेरी यादों मे , अपने दिल से यादों को मिटाउगा तो कैसे ?

Shadi Sad Poetry:-  जनाब वक्त बहुत बाद मरहम होता है शायद आपका भी दर्द काम हो अब इन्ही सब बातों पे मैं कहता हूँ कि –

“ न किश्ती डूबी न तो किनारे लगी , तूफ़ानी जिंदगी से लहरें बचाएंगे तो कैसे ?

  जो एक दूसरे के बिन रहते ना थे कभी , नक्श यादों के दिल से मिटाएगे तो कैसे ?

मुहब्बत मिटी है ना मिटेगी कभी , किसी और के लिए जगह बनाओगे तो कैसे ?

  आज शादी की बात हुई है उस लड़की के घर मे  , उन दोनों की मुहब्बत को छुपाओगे तो कैसे ? ”

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अंतिम  शव्द – 

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