- जे.k.raज
हमने आंसू छुपा लिए थे कई गहरे राज हमने अपने दिल में छुपाए थे ।
जो कहनी थी बात तुमसे वो आज भी हम कह ना पाए थे ।
मुलाकातें तो अक्सर होती थी हमारी उन ख्वाबों के दरमियां ,
हंसी मोहब्बत की वह बात आज भी जुबान तक हम ला ना पाए थे ।
कुछ इश्क जैसा शायद कहना था तुमको , कुछ इजहार के जैसा शायद मुझे भी करना था ।
पर आंसुओं ने वह सब कुछ कहने ना दिया , जो भी था गुबार वो आंखों से बहने ना दिया ।
क्योंकि आखिर तक कुछ “राज राज” ही रह जाते हैं बस हर दफा मुकम्मल होती है एक अधूरी दास्तां !!